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घोरकष्टोद्धारण स्तोत्र – Ghorkashtodharan Stotra Lyrics in Marathi

|| घोरकष्टोधरणस्तोत्रम ||

श्रीपाद श्रीवल्लभ त्वम् सदैव । श्रीदत्तास्मान्पाहि देवाधिदेव ।।

भावग्राह्य क्लेशहारिन्सुकीर्ते । घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते ।। १।।

त्वम् नो माता त्वम् पिताऽऽप्तोऽधिपस्त्वम् । त्राता योगक्षेमकृत्सद्गुरुस्त्वम् ।।

त्वम् सर्वस्वम् नोऽप्रभो विश्वमूर्ते । घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते ।। २।।

पापम् तापम् व्याधिमाधिम् च दैन्यम् । भीतिम् क्लेशम् त्वम् हराऽऽशु त्वदन्यम् ।।

त्रातारम् नो वीक्ष्य ईशास्तजूर्ते । घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते ।। ३।।

नान्यस्त्राता नापि दाता न भर्ता । त्वत्तो देव त्वम् शरण्योऽकहर्ता ।।

कुर्वात्रेयानुग्रहम् पूर्णराते । घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते ।। ४।।

धर्मे प्रीतिम् सन्मतिम् देवभक्तिम् । सत्संगाप्तिम् देहि भुक्तिम् च मुक्तिम् ।

भावासक्तिम् चाखिलानन्दमूर्ते । घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते ।। ५।।

श्लोकपंचकमेततद्यो लोकमङ्गलवर्धनम् । प्रपठेन्नियतो भक्त्या स श्रीदत्तप्रियो भवेत् ॥ ६॥

इति परमहंस परिव्राजकाचार्य श्रीवासुदेवानन्द सरस्वती (टेंबे) स्वामीमहाराज विरचितं घोरकष्टोधरणस्तोत्रम सम्पूर्णम् ।।

-घोरकष्टोद्धारण स्तोत्र


इस वेबसाइट पर चालीसा/आरती/स्तोत्र सिर्फ भक्ति को ध्यान में रखते हुए दिया गया है. इसके द्वारा हम किसी भी तरह से इस पर हक्क नहीं जता रहे. इसका असली हक इसके असली लेखक/कवी का ही रहेगा.